ये कैसी शर्म?👀😳😱
एक औरत थी। उनको काम के लिए निकलना था। समय कम था – और वह जल्दबाजी में। और जैसा कहते हैं,
जल्दी का काम शैतान का – ठीक वही हुआ । वह जल्दबाजी में कुछ भी छोड़ना नहीं चाहती थी।
और इस कारण बहुत जल्दी – जल्दी सब कुछ ले निकल पड़ी, अपने ऑफिस को।
ऑफिस पहुंची तो वहां गार्ड ने टोक दिया मैडम आपका तबीयत तो ठीक है – ना !
इस सवाल पर वह साहिबा बोली, “मैं तो बिल्कुल ठीक हूं !”
तो यह रंग-बिरंगी चप्पलें क्यों पहन के आई है। इतना कहकर गार्डस –
और हंसने लगे – और मैडम शर्मा गई। उन्हें लज्जा आ गई। उन्होंने तुरंत घर फोन लगाया और अपना गुस्सा उतारने लगी।
और अंत में फोन रखते हुए कहती है, अब मैं आऊंगी कैसे? वापस !
तो बच्चे कहते हैं, वहीं चप्पल पहनकर।
तो मां कहती है, मुझे शर्म नहीं आएगी।
तो बच्चों ने पूछा, जाते समय नहीं लगा था ?
तो मां बोली, जाते समय मुझे थोड़ी पता था।
तो बच्चे , नहीं पता था तब भी था ना पैरों में – तो अब बस पता हो गया, तो क्या आफत आ गई इसमें ?
तो मां बोली अनजाने में शर्म नहीं आती है । बल्कि शर्म तब आती है, जब आपको पता हो कि लोग आपको ही देख रहे हैं।
तो बच्चे बोले, नीचे पैर पर कौन देखने वाला है।
मां बोली, सारे जमाने की नजरें नीची ही होती है ।तो कौन क्या? सब देखेंगे ! फिर बोलती है मैं नंगों पांव वापश लौट के आ जाऊंगी।
और जब शाम को वापस आती है और जब पैर को ठंडे पानी में डाले हुए थी। तभी बच्चे स्कूल से वापस लौटे थे –
बच्चों ने पूछा क्या हुआ ? तो मम्मी गुस्सा उतारने लगी और खूब सुनाई ।
और कहा गर्मी के कारण सड़कें काफी गर्म हो गई थी।और मेरे को काफी शर्म लग रही थी।
तो जलना मंजूर था। पर कोई और हंसे देखकर।यह नहीं। तो लज्जा से बचने के लिए मैं नंगों पैर सड़क से आई –
जिस कारण मेरे पैर जल गए और दर्द कर रहे हैं।
तो बच्चों ने बोला, अगर चप्पल पहनती तो नहीं होता ना यह। हद से ज्यादा से ज्यादा लोग तुझे देखकर कुछ देर अपना दुख –
दर्द भूल जाते और वैसे भी वह मुसाफिर थे बस देखते हैं और चले जाते। गुजर जाते। पर तुम्हारा हाय यह शर्म अब भोगों।
अब सही जोड़े भी नहीं पहने जाएंगे। मां को बात कड़वी लगी और अपने पैर की जगह, दवाई बच्चों की कर दी।
1. अर्थहीन 👀 सबसे बड़ा पुण्य 🤔
2. देखिए कैसे पाप इंसान धोते हैं?👀
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