नर्क से संघर्ष तक
प्रकृति का एक नियम है – कुछ करो या ना करो – चीजें अपने-आप सड़ – गल जाती हैं |
यानी कि आपको गंदा होने के लिए माटी – कीचड़ – कूड़े में खेलने की जरूरत नहीं है |
बस कुछ हफ्ते यूं ही पड़े रहो, अपने-आप आपको सबूत मिल जाएगा |
आपको असफल होने के लिए कुछ करना ही हो | यह आवश्यक नहीं है |
बल्कि नियम तो यह कहता है कि कुछ ना करो , बस आराम करने वाले असफल होते हैं – या रहते हैं |
कुछ करने वाले तो प्रयासरत रहते हैं – मेहनती – साहसी-वीर कहलाते हैं |
वेले नहीं | तो नर्क पाने के लिए आपको जरूरी नहीं है कि कुछ बुरा ही करना पड़े |
कुछ ना करो और आप पाएंगे कि आप खुद से बेचैन है |
अंदर गलत ख्याल है | ज्यादा से ज्यादा सिर दर्द है |
सेहत ढलती जा रही है – बीमारी बढ़ रही है |
इतने कर्म करने वाले बीमार नहीं पड़ते – जितना न करने वाले |
8 – 9 -12 – 24-24 घंटे वाला इतना परेशान नहीं होता – जितना वो मेहनत करने वाला छुट्टी वाले दिन होता है | तो इसका मतलब तो जहां प्रयास ना हो, कर्म न हो (सही चेतना से) वही नर्क का प्रवेश द्वार है |
तो फिर संघर्ष क्या होगा ? नरक के विपरीत स्वर्ग | कह सकते है – पर हर कर्म स्वर्ग नहीं होते |
पर कर्म न करने से कहीं ज्यादा -अच्छे होते हैं |
नर्क जाना ज्यादा आसान होता है – मन से परास्त होना ज़्यादा आसान होता है
-पर स्वर्ग ऊपर की ओर है – बिना लिफ्ट की सीढ़ी – नर्क एक गढ़ा है –
एक दल – दल वाला गढ़ा – जो भरा – पूरा होता है – पर इतना खोखला होता है –
की अंदर चूस लेता है |
इसलिए जो संघर्ष कर रहे हैं –
जो चल रहे हैं – जो प्रयासरत हैं |
सही दिशा में – वो स्वर्ग की ओर बढ़ रहे हैं |
हर लाइन यहीं से शुरू होती है – नर्क से संघर्ष तक !
यह याद रहे जहां संघर्ष खत्म होगा – हृदय धड़कना बंद कर देगा |
मस्तिष्क कर्म करना बंद कर देगा |
याद रहे संघर्ष – नर्क से से दूर जाने का एकमात्र रास्ता है – स्वर्ग तक का |
पर माया बड़ी मोहिनी है – कर्म में अकर्म भी है और नकर्म भी |
यह हमेशा याद रहे | नर्क से संघर्ष तक |
ही स्वर्ग है |
और सीखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दबाये
_—_—_—_—_—_—
_—_—_—_—_—_—
_—_—_—_ *मेरी किताबें *_—_—_—
1@.हाथ जोड़ ली – और शक्ति छोड दी : समझ ज़रूरी है! (Hindi Edition) Kindle Edition
_—_—_—_—_—_—
2@.अंधेरों का उजियाला (Hindi Edition) Kindle Edition
_—_—_—_—_—_—
3@.जिंदगी – पाप और कर्म (Hindi Edition) Kindle Edition
_—_—_—_ *मेरी किताबें *_—_—_—