जीवन बदलने का मंत्र
मैं नया-नया पौधा था। शब्दों की जमीं से जुड़ा। मुझमें नय-नय अंकुर फुटे थे।
मुझे लगा मैं बहुत अच्छा लेखक बन सकता हूं,
तो उसके लिए मैंने फेसबुक/ इंस्टाग्राम पर अपने शायरी से संबंधित कुछ, पेजों को फ्लो कर लिया।
और इनके साथ-साथ कोरा और जहां हो सके उन सभी वेबसाइटो को चलना शुरू कर दिया।
ताकि मैं लोगों के पास पहुंच सकूं और लोग मेरे शेरों-शायरी को लाईक कर मेरा आत्मविश्वास बढ़ा सकें।
मैंने खुद का भी पेज बनाया इंस्टा/फेसबुक-कोरा और पिंटरिस्ट वगैरह पर।
और लगा मैं डेली एक-दो करके शायरी-कहानी और उसके साथ-साथ कविताएं को डालने उन सभी जगहों पर।
और एक लंबे अंतराल तक यानिकि चार-पांच सप्ताह तक,
मैं डालता गया और जो एक चीज जो मैंने ध्यान दिया वो यह ताकि जो पोस्ट
मैं अपने पेज पर डालता उस पर सिर्फ दो-तीन लाईकश आता ।
और वही पोस्ट अगर मैं फेसबुक ग्रुप/कोरा ग्रुप या इंस्टाग्राम पर कोई डालता तो
वहीं पोस्ट लाईकश के मामले में सेंचुरी लगाई लेता और कभी-कभी डबल सेंचुरी भी छू लेता।
वहीं सेम पोस्ट। तो मैं समझ गया कि कहीं मुझमें नहीं, लोगों की समझ में है।
क्योंकि मेरे पेज पर शायरी-लवर्स नहीं थे। जिस कारण वो मेरी लिखी बातों को नहीं समझ पाते
और जो समझ पाते या जिन्हें अच्छा लगता सिर्फ वही दो-चार लोग ही लाइक करते।
मगर वहीं पोस्ट हाजारों शायरी-लवर्स के ग्रुप में पोस्ट करता तो 💯 से ऊपर लाईकश मिलते।
तो मैं अपने पेजों के साथ-साथ ग्रुपश पेजों पर डालता रहता।
Personal page:-👇
Group Page :- 👇
मगर एक बात और देखी मैंने कि जिन ग्रुपश को मैंने फ्लो किया था।
उसी से interested ग्रुप्स अक्सर फेसबुक और इंस्टाग्राम मुझे मेरे फिड पेज में दिखाते।
तो मैं यह देख कर हैरान होता कि उन ग्रुप्स पर मेरे वाले ग्रुप्स (जिन-ग्रुपश को मैंने फ्लो किया था) से ज्यादा लोगों ने लाइक किया है।
और कमेंट्स भी हाजारो में। तो मैं भी उन को लाईक कर देता और उन पेजों को फ्लो कर पोस्ट डालने लगता।
मगर कोई फायदा हाथ नहीं लगा, वहीं सौ-से-दो सौ के बीच ही लाइक करते वो भी मेरे किसी-किसी पोस्ट को।
लेकिन औरों के पोस्ट को वहीं लोग (उसी-ग्रुप) के हाजारो-लाखों लाईकश देते।
तब मैं निराश होने लगा था। तभी एक चीज और जिस पर मेरा ध्यान गया वह कि मेरे जो खुद के पेज थे FB/Insta पर,
उनमें से कुछ पोस्ट पर 20-30 लाईकश आते जबकि बाकि सभी पर 2-3 ही मुश्किल से आते।
तब मुझे समझ में आया था :-
जगह बदलने से खरीदारों की संख्या में कमी या बढ़ोतरी होती है।
और अगर खुद को रोज-रोज अपडेट करते हैं तो कौई कम्टीशन ही नहीं रहता।
आप खुद एक बाजार हो जातें हैं। और खरीदार अपने-आप आते हैं।
वर्ना अगर सिर्फ खरीदार के पास भटकोगो। तो खरीदार तो आयेंगे, मगर बाजार सिर्फ आप नहीं होंगे।
इसलिए खुद को रोज-रोज अपडेट करते रहे, अगर सबसे टॉप पे या सबसे अलग पहचान बनानी है तो। वर्ना भटकते रहे।
कुछ ही मिलेंगे, इधर-उधर भटकने से, मगर वो महानतम, तब तक नहीं मिलेगा।
जब तक तुम उसके काबिल नहीं बन जाते।
इसलिए खुद को महान-से- महानतम की ओर ले-जाओ। खरीदार खुद आ जायेंगे!….
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जीवन बदलने का मंत्र
जीवन बदलने का मंत्र
ज़िन्दगी भर – ज़िन्दगी के लिए !