कठिन:- रास्ते।
अपरिचित राहों पे तो वीर ही बढ़ा करते हैं, परिचित राहों पर कायर ही तलवार-चमकते है!….नेपोलियन बोनापार्टरामायण-महाभारत-वेद हजार,
सब का है यही ज्ञान-की राहे कठिन
अक्सर उन्हीं के होते हैं:-
जो महान बनने वाले होते हैं,
राम का 14 वर्ष का वनवास, उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाया,
पांडवों का 12 वर्ष का जंगल वास और अज्ञातवास,
उन्हें कृष्ण का साथ,
और धर्म का संस्थापक बनवाया,
मुश्किलें सदैव-महान बनाने आती है,
तोड़ने नहीं,
तुम्हें-तुम्हारी पहचान बताने आती है,
मुश्किलों का सामना करो ।
हो सकता है घबरा जाओ ,
चीजें बद से बदतर हो जाए,
मगर याद रखना तराशे गए पत्थर ही,
पूजने योग बनते हैं!…
और समय की प्रकृति है बदलने-ढलने-बीतने कि, वह आज नहीं तो कल अवश्य बदलेगी !
बस तुम्हें धैर्य रखना होगा। असंभव कुछ भी नहीं, मगर उस ‘अ‘ को हटाने के लिए,
तुम्हें पहले अपने अंदर की आशंका को हटाना होगा।
बाहर एक मिथ्य-नगरी है- शेर डरावना होता है-कुत्ते वफादार। क्या यह तुम्हें कुत्तों ने खुद बताया या शेरो ने तुम्हें।
कभी तुम्हें या तुम्हारे आस पड़ोस में किसी को कुत्ते ने काटा है- अच्छा जितना ज्यादा कुत्तों ने हमें काटा है,
क्या शेरों ने काटा है, नहीं। नहीं-ना। फिर भी वह ज्यादा खतरनाक कैसे हो गया, कुत्तों से भी ज्यादा।
क्योंकि हमारा तो कभी जंगली शेर से सामना भी नहीं हुआ।फिर भी हम कैसे मान लेते हैं।
क्योंकि हमें बचपन से बताया गया है, कि शेर अपने शिकार को नहीं छोड़ता।
याद रहे शेर का भय शेरों ने नहीं इंसानों ने दिया है।
वे तुम्हें बताते है कि शेर खतरनाक है। वहीं दूसरी तरफ देखो तो कहते हैं महाराणा ने शेर को निहत्थे धूल चटाई थी।
और राजाओं को शेरों का शिकार करना पसंद था।
याद रहे!
भय दुर्बलता भी है और वीरता भी। बस यह उस इंसान को दिखाना होता है कि, असल में वह कौन है।
भय हमेशा चुनौती लाता है। विनाश का नहीं बल्कि दोनों का। कुछ अलग कर जाने का और वही दब के मर जाने का भी।
कठिनाई-डर-चुनौती है। और हम नरों का यह कर्तव्य है कि हम इसे भले ही कड़वा लगे पर पिये, यानिकि अपनाए।
क्योंकि भय के सिवा कोई और तुम्हें निर्भय नहीं बना सकता है। भय ही तुम्हें निर्भय बनाता है और कायर भी।
ठीक उसी प्रकार कठिनाई/प्रेशर तुम्हें बनाती भी है और मिटाती भी है। तैयार रहें। जीत अवश्य होगी।
बस होशियार और समझदार बने। जिंदगी उतनी बुरी नहीं। गलत उतना गलत नहीं।डर-डर नहीं।
वहम का खेल है। चुनौती स्वीकार करना हम नरों की पहचान है।
जब शेर हिरण के झुंड में हमला करता है, तो उसे ज्यादा भागने की जरूरत नहीं होती।
क्योंकि वह खुद ही के साथियों को धक्के मार-मार कर खुद को बचाने के चक्कर में लात से कचार के पीछे छोड़ देते है।
वहीं शेर जब गाय या भैंस या हाथियों के झुंड में हमला करता है। तो पिटा के आता है।
इसका मतलब यह नहीं कि वह जानवर शेर से डरते नहीं। बस उसे अपने जाने के लिए मारते हैं,
क्योंकि उन्हें पता होता है कि अगर हमने नहीं लड़ा तो वैसे भी वह हमें खाएगा। इससे अच्छा है कि इससे लड़ लिया जाए।
चुनौतियां एक हैं मगर कलेजा अलग-अलग-वर्ना क्या सैकड़ों हिरनों का एक समूह एक शेर को नहीं भगा सकते।
बस फर्क सोच का है। समस्या को देखने का है।
वर्ना हर बुद्धिमान इंसान जानता है, कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। और जो आसानी से मिल जाए उसमें मजा नहीं है।
इसलिए समस्याओं से घबराओ मगर हारो नहीं। क्योंकि वह तुम्हें खुद को तुम्हारे शक्ति को बताने आई है।
मुश्किलों का स्वागत करो। वह तुम्हें बनाने आई है। मगर खामा- खा मत भीड़ जाना मुश्किलों से।
लेकिन वह आए तो मत भागना क्योंकि जिंदगी मौके अक्सर मुश्किलों के कवर में ही छुपा कर गिफ्ट करती है।
वरना मर्यादा पुरुषोत्तम ना होते अगर चुनौतियां विशाल ना होती। पांडव जीवित नहीं बच पाते अगर वनवास उन्होंने भोगा नहीं होता।
क्योंकि वनवास ने उनको, उनके अपने शक्तियों से परिचय करवाया। उन्हें लड़ने का एक वजह दिलाया।
वनवास ने रोज-रोज की दुर्व्यवहारों से छुटकारा पाने का मार्ग प्रशस्त किया।
बेज्जती ने महाभारत और महाभारत ने ‘गीता’ प्रदान किया।
अपनाना-भी पड़ता है!… |
अवसर अक्सर मुश्किलों के गिफ्ट बॉक्स में ही पैक होते हैं। तब तक नहीं दिखते जब-तक वो खोलो नहीं जाते।
और खोलने के लिए पहले उन्हें अपनाना भी पड़ता है।। मुश्किल एक चुनौती है:-
स्वीकार करना हमारा कर्तव्य,
मुश्किल हमें बनाने आती है,
तो उनसे भागो नहीं वर्ना हीरनो की तरह खुद के पैरों तले ही कुचले जाओगे।
जय हिंद-जय भारत ! . . .
********_Meri Kitabe_********
1..अंधेरों का उजियाला (Hindi Edition) Kindle Edition
2..आत्म-शक्ति! (Hindi Edition) Kindle Edition
3..जिंदगी – पाप और कर्म (Hindi Edition) Kindle Edition
********_Meri Kitabe_********
कठिन- रास्ते।
कठिन- रास्ते।
ज़िन्दगी भर – ज़िन्दगी के लिए !
Valuable story bro