केकड़े से बाज की दोस्ती
एक नदी के किनारे बहुत सारे केकड़े रहते थे। और वही बाजो का झुंड मछलियो का शिकार के लिए आता क्योंकि
वहां पर खाने लायक बहुत सी मछलियां और मछलियां ना सही तो नदी के किनारे केकडे जरूर मिल जाते थे।
उनमें से एक दिन एक बाज आया था तो शिकार करने मगर घायल होकर गिर गया।
इसलिए उड़ने की बहुत कोशिश की मगर हर बार उसे चोट के सिवा कुछ ना मिला ।
और कुछ प्रयासों के बाद वह इतना थक गया कि नीचे जमीन पर अधमरा सा पड गया ।
उसे लेटा हुआ देखकर पहले तो उसके पास केकड़े नहीं आ रहे थे मगर कुछ देर तक जब या
नहीं हिला तो 10 -12 केकड़े हिम्मत करके उसके पास आते हैं।
जब उन्हें पता चलता है कि वह नहीं हिल-डूल सकता तो सभी उसको मार खाने की सोचते हैं और
गर्दन पर चढने लगते हैं ।मगर उसी बीच उनमें से किसी एक को उस पर रहम आ-जाती है।
जब वह लोग उसे छोड़कर जा ही रहे होते हैं ,कि बाज ने पूछा आपने मुझे क्यों छोड़ दिया।
तो एक केकड़ा बोला क्योंकि आप आज मरे से पडे हुए हैं ।
वह उसे कैसे भी करके एक गुफा में ले जाते हैं।
और 4 हफ्तो तक लगातार कुछ न कुछ भोजन के लिए जरूर लाते थे इसके लिए।
यह देखकर वह बाज सोच में पड़ गया कि जहां मेरे बाज दोस्त एक बार भी देखने ना आए।
वही मेरा यह केकड़े मेरी मदद कर रहे है। जिन्हे हम अपना ग्रास बनाते थे।
मगर वक्त की माया देखो जो इसके केकड़े साथी थे। वह कुछ महीने में ही मर गए।
अब इसके लिए बड़ी मुसीबत पडे गई, क्योंकि अब यह जीवित कैसे बचेगा अगर भोजन नहीं करेगा तो।
यह सोचकर वह बाहर निकलता है ।वह सूर्य की रोशनी में दो-तीन महीने बाद बाहर निकलता है,
तो उसका शरीर सह नहीं पाता, और कैसे उडते है।
बिल्कुल भी भूल गया था और मगर मरता क्या ना करें वह निकल जाता है मछली पकड़ने ।
मगर मछलिया तो पानी मे थी ।और ना यह तैरना जानता था और ना-ही उडते कैसे है उसे याद था।
लेकिन भूखा क्या ना करता ।उसे नदी के किनारे केकड़े मिल जाते है ।
मगर वह उन्हे नहीं खाता है। मगर भूख क्या ना कराय दो-चार दिन मे यह चलाकी से दो-चार केकडो को ही पकड कर खा लेता है।
मगर इतना इसके लिए काफी ना थे ।
अब यह केकडो को ही मारकर खाने कि सोचता है।मगर यह केकड़े भी नही पकड पाता था।
पहले वह इसलिए फस गए इसके जाल में क्योंकि वह एक-दो दिन तक तो वह कुछ भी नहीं किया था।
मगर भूख ने उसे वह भी करने पर मजबूर कर दिया।
इसलिए अब केकड़े भी दूर रहने लगे और यह भूख से तड़प-तड़प कर मर जाता है। और केकड़े इसको नोच-नोच के खा जाते है।
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केकड़े से बाज की दोस्ती
केकड़े से बाज की दोस्ती
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