खुद डूबे 🏊♀️खुद सिखे
इंसान अपने-आप को बचाने के लिए कुछ भी कर सकता है।
यकीन ना हो तो खुद को एक बार पानी में डूबा कर देख लो।
जो बचाने आयेगा – तुम उसी को जबरदस्ती – ना चाहते हुए भी डूब आओगे ताकि
उसके ऊपर चढ़कर तुम बाहर आ सको।
और हमारे आसपास के लोग अक्सर ऐसा ही करते हैं। खुद को बचाने के लिए औरों को नीचे दबाते हैं –
ना चाहते हुए भी क्योंकि जिंदगी और रोटी से बड़ी कोई चीज नहीं होती –
पर भूल जाता है जैसे पानी में डूबने वाले को डूबा के कभी बाहर निकल ही नहीं सकते।
क्योंकि पानी से निकलने के लिए तैरने की आवश्यकता होती है।
और अगर तुम्हें तैरना आता तो तुम दूसरों से मदद ही नहीं मांगते ।
तो हमेशा याद रखें औरोंb को फंसा कर भले आप यहां वालों की नजरों से –
सजा से कुछ पल के लिए बच जाओ पर ऊपर वाले का क्या ?
उसके किताब में सब कुछ दर्द होता है।
और आप तो जानते ही होंगे कि ‘ऊपर वाले के घर में देर है – अंधेर नहीं’। तो
आप का भी नंबर आएगा और जब आएगा तब आपकी जुबान भी आपके खिलाफ ही गवाही देगी।
क्योंकि भगवान तो सब जानते हैं। और कर्मों के फल से कैसे भाग पाओगे।
तो आज, कुछ पल के लिए खुद को बचाने के लिए, औरों को दबाना उचित नहीं।
उस समय शाम-दाम-दंड-भेद सब अच्छा लगता है। ये इंसान की प्रवृत्ति है ।
पर इसके बाद आप इंसान नहीं रहते, यह अफसोस है!
तो संभल कर।
1. कल्पना और यथार्थ, क्या यथार्थ कल्पना की दुश्मन हैं?
2. आत्मीय राक्षस, नकरात्मक सोच से छूटकारा कैसे पाय?
3. राधे – श्याम, होना किस बात का प्रतीक है ?
^^^^^^===Meri Kitabe ===^^^^^^
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खुद डूबे 🏊♀️खुद सिखे
ज़िन्दगी भर – ज़िन्दगी के लिए !