मंजील और रास्ते
हम सब की मंजील स्कूल थी।दरअसल हुआ यह था कि मै और मेरे कुछ 6-7 दोस्त स्कूल से निकले थे।
और तय यह हुआ कि आज हम दो-दो कि समूह मे अलग-अलग रास्ते से स्कूल जायेगो।
हम सब चार गुरूप मे बँट गय।मै और मेरे एक दोस्त ने गली नंबर चार चुनी।
दूसरे ने दो। तीसरे ने तीन।और पहले ने एक। हम ऐसे चार गुरूपश मे बँट गय।
और बोले चलो अब निकलते है। हम सब निकल पड़े। सब रास्ते थोड़ी-थोड़ी दूरी पर थे, और घुमावदार थे।
मगर सब पहुँचते एक ही जगह थे। यानिकी हमारी मंजील तक।मेरे सारे दोस्त एक-एक करके स्कूल पहुँचे,
मगर हम गली नंबर चार वाले थोड़ी लेट पहुँचे। तो मेरे दोस्तो ने बोला कि गली नंबर चार गलत है।
क्योकि वो लेट पहुँचाता है। मगर हम ही जानते थे कि वो गली सही है या नही।
क्योकि असल मे तो हम उस गली से आय थे। तो उन्होने कैसे जाना कि वो रास्ता सही है या गलत है।
हो तो यह भी सकता था कि हम थोड़ी देर के लिए रूक गय हो।
या रास्ता इतना खूबसूरत हो कि हम देखते-देखते आय हो। मगर उन्होने जिन्होने गली घूमी तक नही थी,
सिध्दा गलत साबित कर दिया । सिर्फ इसलिए कि हम थोड़ी लेट आय।
मगर असल मे हुआ यह था कि मै और मेरा दोस्त एक दुकान पर रूके और बिस्कुट-कुरकुरे खरीदे और सोचा अभी बहुत टाइम है, तो एक जगह बैठ के खाने लगो।और फिर हम आराम से खा के, स्कूल की ओर लपके।और इसलिए हम थोड़ी देर से पहुँचे। और उसके बाद मै उसी राह से आता और जाता। क्योकि भले ही थोड़ा वक्त लेता हो , मगर वह भी वही पहुँचाता था जहाँ बाकि के रास्ते, जो मेरी नजर मे थोड़े फिके थे।
वो रास्ते फिके इसलिए नही थे, कि मै उन से गुजरा था, बल्कि इसलिए था क्योकि मै उन रास्तो से कभी ज्यादा गुजरा नही था। मगर मेरे कुछ दोस्तो को वही राहे पसंद थी। जिन्ह मै थोड़ा फिका समझता था। क्योकि वो उस रास्ते से जा चुके थे।
और अंत मे यही कहूंगा कि रास्ते टेढे हो-मेरे हो, या लंबे हो या थोड़ा वक्त लेता हो। मगर होने वही चाहिए जो मंजील तक पहुँचाते हो। लेट पहुँचो कोई गम नही, मगर ना पहुँचो तो गम है।
लेट पहुँचना बुरी बात नही,
ना पहुँचना है।
और हमेशा याद रखना किसी के कह देने मात्र से रास्ता गलत नही हो जाता।
फैसला खुद का होना चाहिए !
फिर चाहे उसके लिए लड़ना पड़े या मरना पड़े।
मगर रास्ता खुद का चुना हुआ होना चाहिए!….
“परिचित राहो पर तो कायर ही तलवारे चमकाते है,
सिर्फ वीर ही अंजान राहो पर बढा करते है!”
… नेपोलियन बोनापार्ट
और सीखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दबाये
— —
— —
— —
— —
5..लाख बीमारी का सिर्फ एक इलाज 👉
_________*मेरी किताबें*_________
1..हाथ जोड़ ली – और शक्ति छोड दी : समझ ज़रूरी है! (Hindi Edition) Kindle Edition
— —
2..अंधेरों का उजियाला (Hindi Edition) Kindle Edition
— —
3..आत्म-शक्ति! (Hindi Edition) Kindle Edition
_________*मेरी किताबें*_________
मंजील और रास्ते
मंजील और रास्ते
ज़िन्दगी भर – ज़िन्दगी के लिए !