खूनी🧟-गांव
•काल्पनिक चरित्र
•काल्पनिक नाम
•खूनी🧟-गांव काल्पनिक कहानी
गांव बिलासपुर (राजस्थान) एक ऐसा गांव जहां घर ज्यादा है पर लोग कम।
बस्तियां नजर आएंगी लेकिन सिर्फ विरानी ही नजर आएंगे। आप जानना चाहोगे ऐसा क्यों?
Pic. Source:- Google |
तो चलो चलते हैं। 🚶🚶♀️🚶♂️
अरे! अरे! जनाब, पहले जरा सांस तो ले-लो और थोड़ा लंबा-लंबा लेना,
क्योंकि अब मैं समय यात्रा करा कर आपको इतिहास के पन्नों में डुबकी लगवाऊ़गा,
और आपको एक लंबी कहानी सुनाऊंगी- बिना रुके-बिना सांस लिए। चलो चलते हैं आज से करीब 300 साल पहले,
तारीख 11, सितंबर 1682, दिन रविवार और जगह बिलासपुर।
बस्ती आबाद है और कई लोग हंसी-खुशी जीवन यापन कर रहे हैं।
गांव के एक छोड़ पर एक नदी बहती है जिसने इस गांव को खुशहाल किया है।
यहां सुबह पीने के पानी भरने से लेकर शाम तक लोग भरे रहते हैं।
अचानक नदी के पास पहुंचने वाली एक औरत बेहोश हो गई और बाकी डर के मारे चिल्लाने लगी।
यह शोर पूरे गांव में आग की तरह फैल गई कि बिना सिर की लाश नदी के किनारे पड़ी हुई है।
गांव के सारे लोग डर में आ गए। पुलिस को खबर मिली और आके लाश लेकर गया ।
और पूछताछ शुरू की लाश को एक वेद के पास भेज दिया गया।
पुलिस ने गांव वालों से पूछ-ताझ किया पर कोई सबूत हाथ नहीं आया।
और पुलिस वापस लौट गई पर गांव वालों की खुशी नहीं लौटी।
उसी दिन शाम को उसी गांव के मुखिया के घर के छत से खून टपकने कि शोर पूरे गांव के साथ पुलिस के कानों में भी परी।
गांव के मुखिया ने छत पर जाकर देखा तो वहां एक सिर पड़ा था।
पुलिस आई और सर को देखकर उनके होश उड़ गए क्योंकि वह एक अंग्रेज अफसर का सर था
जो 1 दिन पहले गांव घूमने आया था मगर जंगल में अपने दो और साथियों के साथ भटक गया था।
और अब उसका सिर मिला था। पुलिस गांव के मुखिया को पकड़ के लेकर 2 दिन लॉकअप में रखा
और छोड़ दिया क्योंकि कोई भी सबूत नहीं मिला जो खून उसी ने किया हो
और एक और घटना हुआ जिसके कारण उसको छोड़ा गया था।
वह यह कि मंगलवार की सुबह फिरएक लाश बरामद हुई और सिर मुखिया के छत्ते से।
तो इस पर मुखिया को छोड़ दिया गया। पर केश जस-का-तस, कोई भी गांव वाला कुछ भी नहीं बता पाया ।
और एक-एक करके घर छोड़कर भागने लगे।
अब आधे से ज्यादा गांव खाली हो गया था। और ऐसे ही गांव में तीन लाशें और
बरामद हुई और जंगल से कुल्हाड़ी जिसमें खून लगा हुआ था।
पुलिस को कुछ सुराग मिले पर कुछ खास नहीं जैसे मुखिया के छत पर कुछ पैरों के निशान मिले
और कुल्हाड़ी से ज्यादा कुछ खास सुराग नहीं।
पर एक अजीब सी घटना हुई गांव के मुखिया ने अपनी पूरी फैमिली के साथ फांसी लगा ली थी
और उनके फैमिली में एक लड़की भी थी, उसका भी लाश बरामद हुआ था।
पर इस लड़की को कभी पुलिस ने और नाही जो बचे-खुचे लोग जो बचे थे उन्होंने देखा था।
तो पुलिस को लगा की इस लड़की की कोई-ना-कोई राज अवश्य जुड़ा है।
पर कोई गांव वाला कुछ बोलने को तैयार नहीं था। तो पुलिस को कोई सुबूत नहीं मिला
और वह केस बंद हो गया और हमेशा के लिए वो राज दफन है-आज भी वहां।
और वो गांव श्रापित है- आज भी!
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(खूनी🧟-गांव)
(खूनी🧟-गांव)
ज़िन्दगी भर – ज़िन्दगी के लिए !