इंसान का इंसान न होना
खबर मिली है कि कोई तूफान आने वाला है
पर इससे ज्यादा खौफनाक है
की अब यह समाज अपने – अपने घरों की ओर
इस तरह दौड़ेगी की भूल जाएगी
कई उनके पैरों तले कुचल कर मारे गए हैं-
और कई टकराकर पैरों के नीचे आने वाले हैं-
तूफान कई घड़े उड़ा कर ले जाएगा –
सड़क पर पड़े हुए – उसे मिले हुए लोग –
उसे हवा में उछाल फेकेंगे –
कईयों के अस्तित्व मिट्टी में मिल जाएंगे –
पर सबसे ज्यादा – इससे ज्यादा खौफनाक है –
इंसानों का अपनी जान
बचाने का वो अंजाम –
जिसमें वह अपनी इंसानियत भूल कर –
अपने पैरों तले इंसानों को कुचलते रहे |
अंधभक्त होकर – अपनी लालसा में
दौड़ते हुए लोग |
इंसानियत की दमन करके –
चारदीवारी की ओर भागते हुए लोग –
अपनों के हत्यारे –
बिना किसी शर्म के अपने जीवन की लालसा में भागते हुए लोग |
दानव – राक्षसों के कार्यों में सहायता करने वाले लोग –
तूफान तो ज्यादा-से-ज्यादा हजारों मरता –
खरबों रुपयों का नुकसान हो जाता|
पर फिर इंसान उठते –
प्रकृति के विरोध के बाद –
अस्त-व्यस्त हो चुके लोग ,
उठते और अपनों का गैरों का साहस बढ़ाते –
उठते वह इंसानियत की छाती गर्व से ऊँचा करके |
इंसान-इंसान के काम आते –
कोई भी प्राकृतिक आपदा –
इंसानों का इंसान ना रहने की –
आपदा से काफी छोटा है |
सबसे खौफनाक और भयानक दर्द है –
लालसा ग्रसित इंसान अपनी जान की रक्षा के लिए –
औरों की जान को नोचते –
खरोंचते – इंसान –
रौंदता – हुआ – इंसान –
जो न नीचे गिरे को उठाने के लिए –
हाथ बढ़ाना जनता है –
न किसी का दर्द वो जान पाता है –
ये दौड़ भयानक है –
ये अंधा होकर इंसानियत को
नंगा नचाकर –
भागते लोग –
हाथ को बढ़ाने की जगह –
सरो -इंसानी सिरों को
दमन करते लोग |
सबसे खतरनाक है –
इंसान का इंसान न होना |