👓 नज़रिया का खेल:-
इंसान की किस्मत बदल दे
हल्कू का खेत। नजारा! एकदम दिल को खुश कर देने वाला। क्या फसले लगती थी!
कोई भी ऐसा साल ना था जब उसकी फसलें सोने की तरह ना चमकती थी।👇
ऐसी फसलें होती हष्ट-पुष्ट कि सारा गांव यही मनाता कि हे भगवान! हमारी जमीन को भी ऐसे ही बना दे।
और हल्कू बड़ा खुश रहता। हमेशा मुस्कुराता हुआ। जैसे हिमालय की नदियों में कभी सूखा नहीं पड़ता है
उसके यहां भी नहीं पड़ता था। मगर वही गांव की दूसरी तरफ एक नजारा ऐसा भी था
जो सोना तो छोड़ो हरियाली भी सही से नहीं देख पाता था।👇
और उसका गुजारा कही इसकी खेत तो कभी उसकी खेत जोत के होता था।
यह जमीन थोड़ी बंजर-सी थी। पथरीली! तो यहां के लोगों ने दो-तीन साल तप करके देख लिया।
मगर फल तो छोड़ो बीज अंकुरित भी नहीं हुआ। तो उस जमीन को ऋषभ ने ऐसे ही छोड़ दिया
और उसे बेचने का इरादा पक्का कर लिया। ऋषभ ने सोचा क्यों ना यह जमीन हल्कू को बेच दी जाए।
यह पहुंचा अपना प्रस्ताव लेकर उसके पास। हल्कू वैसे तो बड़ा खुश रहता था,
मगर उसका प्रस्ताव सुनकर और तेजी से हंसकर बोला।
तेरी ज़मीन कुकुर भी ना पूछे और मुझे बेचने चला आया। चल भाग यहां से!
वह चुपचाप सुनकर वापस घर पर आ गया और आकर बीवी पर सारा गुस्सा ठंडा कर लिया।
और अब तो उसे और भी ज्यादा विश्वास हो गया था कि उसकी जमीन एकदम रद्दी है।
और उसने जमीन से छुटकारा पाने की सोची और सस्ते उसने जमीन को एक व्यापारी को बेच दिया।
व्यापारी था तो बूढ़ा मगर दिमाग घोड़े से भी तेज चलता था। उसने उस बंजर जमीन पर एलोवेरा लगा दिया।👇
और वह जमीन इतनी बड़ी थी। कि वह व्यापारी का एलोवेरा जेल के लिए जो स्टॉक चाहिए होता था।
उसका आधा से ज्यादा वही उत्पादित कर देता।
इससे क्या हुआ व्यापारी का पैसा बचा और वह और अधिक मालामाल हुआ।
और अब सारे गांव वाले इसके हरियाली देखकर दंग हुए।
हल्कू के खेत को अब कोई पूछता भी नहीं था। क्योंकि हल्कू के खेत से कई गुना बढ़ा ऋषभ का खेत था
और आज व्यापारी का है। हर हल्कू के खेत से 5 गुना ज्यादा लाभ देता है।
Moral:-👇
Your biggest weakness, can be your biggest strength. You just have to work on it with different mindset.
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3@..जैसा दिखता है:- वैसा होता नहीं ( बर्बादी अक्सर बर्बादी नहीं होती)
ज़िन्दगी भर – ज़िन्दगी के लिए !