चाॅंद की रखवाली
रखवाली में सभी सेटेलाइट- स्पेस स्टेशन नासा-यूरोपिय एजेंसियां –
चाइना – सभी पृथ्वी के बड़े देश चांद की रखवाली पर अरबों डॉलर खर्च रहे थे।
24 घंटे, सातों दिन, बारहों मास चांद पर नजर रखी गई। यह कार्यक्रम ऐसे ही दो दशकों तक चला।
लेकिन अभी तक एलियंस के अस्तित्व के बारे में कुछ पता नहीं चला था- भगवान को स्वीकारा नहीं था।
पर अभी- भी, दो दशकों से खरबों डाॅलर्स खर्च करके रखवाली कर रहे थे ।
ताकि दूसरे ग्रह के निवासियों को इसके बारे में कुछ खबर ना हो।
खरबों डॉलर्स खत्म हो गए थे | और फंड जमा किए गए थे| और किए जा रहे थे।
दो दशक बीत गए थे अभी और कितने रखवाली की जरूरत थी।
उसका ध्यान करके सभी देश अपने स्पेस बजट में बढ़ोतरी स्पेस स्टेशन का निर्माण-
अत्याधुनिक हथियार बना रहे थे। ताकि उस बेशकीमती चीज की रखवाली में कोई कसर ना रहे।
सभी बड़े स्पेस एजेंसियों ने मिलकर एक बहुत बड़ी ऑर्गनाइजेशन चांद की रखवाली के लिए बेस्ट साइंटिस्ट –
एस्ट्रोनाॉट – ताकतवर सैनिक और बहुत बड़ा बजट बना लिया था। ताकि बाकी ग्रहों से बचाव किया जा सके।
इस बीच ही खबर मिली कि चांद पर इतनी सावधानी बरतने के बाद भी
यहां तक कि दशकों के मेहनत- असफलता-प्रेशर – खरबों –
अरबों डाॅलर खर्च करने के बाद चांद पर विशेष घर बनाकर –
विशेष प्रशिक्षित इंसान, ईमान पर रहने वाले थे। उसकी रखवाली में।
पर फिर भी वह बेशकीमती चीज की कीमत लगा ली गई –
यानी की चोरी हो गई। लेकिन कमाल की बात यह है कि
अभी तक एलियंस का पता नहीं चला था – भगवान को मानते नहीं थे –
ना राक्षसों को मानते थे। ना आत्माओं के बारे में कोई प्रमाणित रिपोर्ट आया था।
पर फिर भी चोरी हो गया। सारे देशों की अर्थव्यवस्था खत्म हो गई थी
सिर्फ दशको से चांद की रखवाली में। तभी खबर मिली कि
अमेरिका- यूरोप के देशों ने एशिया- अफ्रिका के देशों ने मिलकर
विशेष प्रशिक्षित टीम को गठित किया है – जो उस मामले की छानबीन करेगा।
पर अचरज की बात यह थी कि उस विशेष टीम को छानबीन करने दूसरे ग्रह नहीं भेजा जिनके –
नाम पर खरबों डाॅलर – हजारों जानें – दशको रातें कुर्बान की गई थी!
इंसान अपने ही घर के कुड़ो से परेशान है, पर गंदगी फैलाने का इल्ज़ाम अक्सर पड़ोसी पर ही लगाता है! …
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