बस और यात्री
बस और यात्री
बस पुरानी हो चुकी थी। और बस का ड्राइवर भी। बस की दशा खराब थी अंदर से भी और बाहर से भी।
पर दिशा में एक दम सही चलती थी, एक बस स्टॉप पर कुछ यात्री उतरे और कुछ नए चढ़े।
पुराने जो उतरे, उनमें से कुछ खुश थे और कुछ परेशानी में उतर गए थे ।
क्यों?🤔
आइए जानते हैं।👇
कैसे ?🤔
जो नए यात्री चढ़े हैं उनके साथ सफर करके- उनकी बगल वाली सीट पर बैठकर या खड़े होकर।
जो चढ़े थे वह इस उम्मीद से चढ़े थे कि वहां(लक्ष्य) जल्द-से-जल्द पहुंच जाएंगे।
पर बेचारे एक ही बस थी उस रूट की तो चढ़ गए, उस भीड़ वाली बस में।
पूरी सीट पर कब्जा था और खड़े ऐसे थे लोग जैसे सायं- शरीर के साथ।
धक्का-मुक्की करके जगह बनाते हैं। और अपनी कमर को सीधा करते हैं।
मगर भीड़ इतना था कि उनकी कमर के साथ-साथ पूरा शरीर भी सीधा हो गया था।
उस बस में सभी तरह के लोग थे, औरत भी थी- मर्द भी बच्चे भी- बूढ़े और जवान भी।
और उसका जो कंडक्टर था वह आधा पागल था। वह सबसे तू-तड़ाक से बात करता
और लफंडर वाली स्टाइल में टिकट काटता। तो इनका भी कटता है जो चढ़े थे,
इनमें से 1-2-3 शराबी भी थे। जाना कहां था इसका पता भूल गए थे,
तो कंडक्टर को ही गाली सुना दिया और कन्डेक्टर था ही हरामी उसने भी सुना दिया।
और बस के अंदर के सारे लोग परेशान हो गए। पर जैसे पहले ही बता दिया कि बस में सब तरह के लोग थे
तो कुछ मुस्कुराए तो कुछ ने गालियां और सुना दी। एक तो ना सीट सही था-ना सड़क धक्का-मुक्की भी अंदर।
सारे पैसेंजर बेहाल थे।
और शराबी बस जहां बस रुकी-वह उतर गए और कुछ आखरी स्टैंड तक गए।
उनमें जो प्रेमी थे उनको तो धक्कों में मजे आ रहा था और जो लफंडर थे उन्हें भीड़ में दबंगई सूझ रही थी।
और उसी बस में कुछ चोर भी शामिल थे। लफंडर- चोर भटक गए रास्ता।
लफंडर कुछ समझ नहीं पाए और चोर-चोरी करके उतर नहीं पाए। सफर यूं ही आगे बढ़ा।
एक नया स्टॉप आया कुछ लोग उतर गया था कुछ ना चाहते हुए भी उतर गए, बस के कारण।
यहां भी वही हुआ जो थोड़े उतरे थे- उनमें से कुछ परेशान थे, कुछ खुश और बाकी तो बस ऐसे ही थे।
जिनको यह नहीं पता था कि उनके साथ क्या हुआ है। फिर कुछ लोग चढ़ गए।
एक बच्चा था और फैमिली। बच्चा भीड़ होने के कारण रोने लगा।
उसकी फैमिली एक स्टाॅप से आगे नहीं बढ़ पाया। वो उतर गए।
चूंकि उस रूट पर सिर्फ वही एक बस चलती थी तो उस फैमली को उतड़ने के बाद कई परेशानी हुई।
इस बस में सिर्फ प्रेमी ही थे जिनके पास गंतव्य था- इसलिए इनको धक्कों में मजा आ रहा था।
लफंडर उतर गया किसी नए स्टाॅप पर । चोर की चोरी भी पूरी हुई पर इस बार बस काफी आगे निकल आया था।
अपने स्टैंड से तो-वह भी उतर गय किसी स्टॉप पर।
क्योंकि यह बस वापस पीछे नहीं लौटती थी और कितने लंबे चलते इसके बारे में भी नहीं पता था।
एक और स्टाॅप और फिर कुछ लोग उतर गय- तो कुछ चढ़ गए।
और यहां भी वही हुआ कुछ खुश तो कुछ ना खुश। बस यूं ही चलती गई है,
हर स्टाॅप पर कुछ चढ़े और कुछ उतरे। वहीं कुछ खुश और कुछ ना खुश।
पर क्यों?🤔
जो खुश थे।
वह इसलिए खुश थे क्योंकि वो सही जगह (अपने गंतव्य) अपने स्टैंड पर उतरे थे।
उन सारी धक्के- मुक्की, उतार-चढ़ाव खचाखच भरी बस में यात्रा करने के बाद।
और जो नाखुश थे वह इसलिए ना खुश हैं क्योंकि या तो वह गलत पते पर उतर गए थे या गलत बस पर चढ़ गए थे।
पर याद रहे यह इकलौती बस है इस रूट की और वापस भी नहीं आती।
तो इनके पछताने के सिवा कुछ और बचा भी नहीं था।पर कुछ प्रेमी भी जिनको अपने गंतव्य का ध्यान नहीं था।
वह भी कहीं के नहीं रहे। लफंडर जिनको होश नहीं था वह पता नहीं कहां मदहोश हो गए।
शराबी कहीं भटक गए तो- कई वहीं अटके हुए हैं। और बस चलती जा रही है।
बस की परिस्थिति वैसे ही है। कोई उतड़ के खुश हो रहा है- तो कोई दुखी।
पर याद रहे यह सिर्फ एक ही बस है, इस रूट की। पर खुश वही है जो सही जगह उतरा वह नहीं जिनका होश मदहोश है
या बेहाल रहा।
बस एक है स्टॉप कई सारे।
परिस्थितियां सबके लिए समान। पर कुछ परेशान है तो कुछ खुश।
आप ध्यान रखें- मदहोश यां खोना जाए। सफर जारी है अपने स्टाॅप का पता याद रखें।
बस ज्यादा देर नहीं रूकती और ना ही वापस लौटती है।
इसलिए मदहोश-बेहाल-परेशान हो तब भी अपने स्टाॅप का ध्यान रखें।
वह तुम्हें बचाएगी वर्ना आप भी उनके लिस्ट में आ- जाओगे जो करने के बाद परेशान थे।
*******Meri Kitabein *******
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*******Meri Kitabein *******
ज़िन्दगी भर – ज़िन्दगी के लिए !