घर – लौटना
रात के 11:30 बज गए थे । रमेश जो कि ऑटो चलाता था।
उसके घर लौटने का वक़्त हो गया था।
पर रोज की तरह आज वह खाली ऑटो लेकर नहीं, कुछ सवारी लेकर उनके गंतव्य तक पहुंचा कर
अपने घर पहुंचना चाहता था। तो काफी रात हो चुकी थी ऑफिस का इलाका था। रात भर काम चलता था।
तो 10 मिनट के अंदर उसकी ऑटो भर गई। वह चला उन सवारों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने।
वह जहां से ऑटो चलता था – तथा जहां ऑटो का आखिरी स्टैंड था।
वहां तक गया। क्योंकि वहां तक के सवारी बैठे थे। लेकिन घर बीच सफर के मोड़ पर पड़ता था –
पर सवारी उसने अंतिम छोर पर बैठये थे। तो घर कैसे जा सकता था। वह अंतिम छोर तक गया।
वह मेन बाजार का इलाका था। वहां भी काफी देर तक लोग मिल जाते हैं।
वहां से भी वो खाली नहीं जाना चाहता था। कुछ सवारी को लेकर लौटना चाहता था।
पर काफी रात हो चुकी थी। पर जिद्द और उसकी सब्र की वजह से
10-15 मिनट में उसकी ऑटो फिर भर जाती है।
और फिर वो वहीं जाता है – जहां से आया होता है। और यह काम तब तक चलता है।
जब-तक वह पूरी तरह थक कर। वहीं ऑटो चलाते-चलाते किसी गाड़ी से टकरा नहीं गया था।
जैसे ही तेजी से आ रही ट्रक से ऑटो टकराई उसकी आंखों की नींद
साथ में कुछ सवारी की नींद भी
अस्पताल में खुली। रमेश की हालत काफी बुरी थी।
क्योंकि उसके शरीर में ऑटो के शीशे के टूकड़े भी उसके शरीर में चुभ गय थे।
पर इसमें गलती ट्रक वाले की नहीं – रमेश की थी।
उसकी आंखें बंद होना चाहती थी और वह पता नहीं किस ज़िद्द में था।
की थोड़ा और थोड़ा और थोड़ा और।
थोड़ा और क्यों ज्यादा लो। पर अपने शरीर पर ध्यान भी दो।
क्योंकि जितने ज्यादा आप तरों-ताजा रहोगे, उतने ज्यादा आप कमा पाओगे।
वर्ना छोटे-छोटे सोने के टुकड़े उठाते-उठाते आप खुद ही उठ जाओगे, बड़े का सिर्फ सपना देखते-देखते।
कमाने और चैन से जीने के लिए शरीर को स्वस्थ रखना उतना ही जरूरी है जितना जीने के लिए सांसों का।
क्योंकि आप जैसे कि जानते ही हो :-
💪 कि हेल्थ इज वेल्थ 💪
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