मेरी-खुशियां-मेरा-इंतजार
मैं दौड़ा-दौड़ा स्कूल से आया क्योंकि एक लत थी फोन की, जो मुझे स्कूल में चैन से बैठने नहीं देती।
मैं स्कूल में होता तो पहले पीरियड से दूसरे पीरियड का इंतजार करता।
और सोचता कि अब दूसरे से तिसरा लगेगा ताकि मैं अपना फेवरेट टीचर के पास जाऊ।
और जब वो लग जाता तो मैं उसमें सोचता कब मैं उस चौथे पीरियड में जाऊं जिसमें मुझे इससे ज्यादा मजा आता है।
और उसमें जाने के बाद यह सोचता कि अब बस एक पीरियड और उसके बाद घर पर जाकर खुश हो जाऊंगा।
और अब तो बस 45 मिनट और उसके बाद खुलकर मुस्कुराऊंगा। क्योंकि घर जाकर फोन जो चलाऊंगा और उसी,
उम्मीद में मैं दौड़ा-दौड़ा घर आया, फोन उठाया; खाना निकाला और खाते-खाते फोन चलाने लग गया।
सिध्दा गया पहले इंस्टाग्राम पर।👇
कुछ देर बाद यूट्यूब पर पहला विडियो लगाया ‘ डिप्रेशन से बाहर कैसे आए’
और इसके चालू होने से पहले ही मैं ढूंढने में लग गया उसके बाद क्या देखूंगा।
वह वीडियो ऐसे ही चलता रहा और मेरा काम भी ऐसे ही दौड़ता रहा और अभी रात के 11:35 हो रहा हैं
और यही चल रहा है।विडियो एक लगा रहा हूं ताकि कुछ सीखने को मिले, ताकि खुश हूं- एंटरटेन हूं।
मगर लगा हूं दूसरे वीडियोस को ढूंढने में की इसके बाद क्या देखूंगा, और इससे क्या हुआ मेरा दिमाग खुद डिप्रैस हो गया।
और ‘डिप्रेशन से बाहर कैसे निकले’ वीडियो ने कुछ असर नहीं किया-कुछ नहीं सिखाया क्योंकि
मैं उसे लगाकर दूसरा ढूंढने में लग गया और अभी तक लगा हूं। फोन साइड में ही है आंख में दर्द हो रहा है, सिर भी भारी सा है।
मगर फिर भी सोच रहा हूं, कि वह वीडियो देख लूंगा तो खुश हो जाऊंगा, कुछ सीख लूंगा फिर,
फिर कौन-सा ढूंढगा और यह काम चल ही रहा है मेरा।👇
सुकून की तलाश में, सिर्फ आंख दर्द हो रहा है-समय व्यर्थ हो रहा है और जिंदगी गुजर रही है।
इसी ख्याल में कि शायद इससे अगले वाले में मजा आएगा। मगर ना ज्ञान आ रहा है ना मन खुश हो रहा है।
बस जो सुबह से जो शुरू हुआ रात में 12:00 बजे तक तकरीबन सुकून ढूंढ रहा हूं।
इतने ढूंढने के बाद भी सुकून एक कदम दूर है यही सोच रहा हूं मैं।
मैं अभी एक नया वीडियो की तलाश में हूं!…………..
Bye-bye…….👋👋👋👋👋👋👋👋👋
See you later !
My happiness is waiting. I am in search. …….
कितन भागोगो!….
खुशी दूर नहीं बस जरूरत रूक के खुद को महसूस करने की है।
वर्ना ना खुशी मिलेगी-ना ज्ञान! . . .
दूसरी कहानी
यह आजकल का जो दौर चल रहा है। किसी के पास वक्त कहां है। सब कुछ जल्दी-जल्दी चाहिए।
जितनी जल्दी हो सके चाहे वह पैसा डबल करना हो ,शादी करनी हो, रिलेशनशिप में आना हो।
सब कुछ जितनी जल्दी हो सके उतना अच्छा।
‘ शुभ आरंभ‘
मगर वही बात आ-जाय रिश्ते निभाने की तो सब लोग इंतजार ही करते हैं।
कि पहले यह माफी मांगे तो फिर मैं भी करूंगा कोशिश बात करने की।
क्योंकि बात इज्जत पड़ आ जाती है। इज्जत! हां! हां! इज्जत मानता हूं बहुत जरूरी चीज है।
मगर ईगो और इज्जत एक नही होते जैसा लोग समझते हैं।
अपने घमंड को ना झुकने को इज्जत से जोड़ लेते हैं।
जैसे जलालुद्दीन अकबर अपनी बेटियों की शादी नहीं करवाता है क्योंकि उसे झुकना पसंद नहीं था।
और शादी में बेटी के बाप को दूल्हे के आगे झुकना जो पड़ता है। मगर मीना बाजार लगवाता है।
यह है इज्जत। ठीक है अकबर को मानता हूं ।पर क्या इज्जत ऐसे मिलती है।
किसी के फिलिंग्स को मार के औरों को बेइज्जत करके।भाई!मानता हूं-ईज्जत बहुत जरुरी है। मगर ज्यादा घमंड नहीं।
मेरी ही बात ले लो। व्हाट्सएप और ज्यादा दोस्त पसंद नहीं। मगर वह अपनी जगह होना चाहिए ना।
आज दिवाली है, मेरी बहनों ने सुबह सभी दोस्तों और रिश्तेदारों को दिवाली की शुभकामनाएं भेज दी और पा-भी ली।
मैं थोड़ा देर से उठा तो पाता हूं ।उसकी दोस्तों और रिश्तेदारों ने हैप्पी दिवाली विश किया है।
मगर मेरा एक भी नहीं। तो मैंने सोचा मैं क्यों भेजूं! इंतजार करता हूं। कोई ना कोई भेजेगा ही।
तब मैं भेजूंगा मगर उस इंतजार में मैं सिर्फ लेने के चक्कर में उदास हो गया- परेशान हो गया।
सिर्फ बाहर से मुस्कुरा रहा था। तभी अचानक एक दोस्त का मैसेज आया
“हैप्पी दिवाली भाई “
मैं खुश पता चला खुशी का इंतजार नहीं करते शुरुआत करते हैं।
जो मुझे उस दोस्त के मैसेज ने बताया और बिना कुछ दो-बार सोचे। सब को मैसेज कर दिया।
और सबने इतनी जल्दी मैसेज किया कि मैं खुश हो गया।
अब जो परेशान हो रहा था उसके दर्द से छुटकारा पा गया और अब अंदर से भी मुस्कुरा रहा था और बाहर से भी मुस्कुरा रहा था।
शायद वह भी इंतजार कर रहे थे और अब वह भी मुस्कुरा रहे होंगे।
😊 Happy-life 😊
♠♠♠♠♠..Meri Kitabe..♠♠♠♠♠
1@..अंधेरों का उजियाला (Hindi Edition) Kindle Edition
2@..आत्म-शक्ति! (Hindi Edition) Kindle Edition
3@..जिंदगी – पाप और कर्म (Hindi Edition) Kindle Edition
♠♠♠♠♠..Meri Kitabe..♠♠♠♠♠
(मेरी-खुशियां-मेरा-इंतजार)
(मेरी-खुशियां-मेरा-इंतजार)
(मेरी-खुशियां-मेरा-इंतजार)
(मेरी-खुशियां-मेरा-इंतजार)
ज़िन्दगी भर – ज़िन्दगी के लिए !