धर्म की स्थापना !
धर्म युद्ध में भले ही –
नारायण सम्मिलित हों,
लेकिन फिर भी धर्म स्थापना के लिए युद्ध होगा।
लड़ना नर को ही पड़ेगा ! |
तो भी लड़ना नर को ही पड़ेगा । तीर भी नर को चलाना होगा और उस को सहना भी एक नर को ही होगा।
नारायण अपितु फिर भी कुछ घायल होंगे। परंतु युद्ध की पीड़ा से विजय तक , जीवन से मरण तक,
नर को ही तपना और जलना पड़ेगा। क्योंकि नारायण की स्थापना नर के लिए आवश्यक है।
और यह काल का नियम है :- जिसके लिए जो जरूरी है। उसे वह स्वयं ही करना पड़ता है।
बस नारायण तुम्हारे मार्ग दर्शन अवश्य कर सकते हैं पर उस सारथी के पीछे नर को ही लड़ना पड़ेगा!
गांडीव नर की ही होगी। धर्म सिर्फ बचा सकता है -
क्योंकि “धर्मो रक्षति रक्षिता:।”
और सदैव याद रखें:-👇
अधर्म के पीछे चाहे कितनी ही बड़ी सेना क्यों ना हो, वह सदैव डर में रहेगी / रहेगा।
क्योंकि अधर्म :-
अ + धर्म =( यानी कि) धर्म हीन है !
और जिनके अंदर हीनता है – वो कितना ही संवर ले। फिर – भी वो ग्लानि और संकोच में ही रहेंगे।
चाहे वो कितना ही ज्यादा मेक-अप क्यों ना पोत ले। उसको सदैव यह भय लगा रहेगा की ये जो नकली मसाला लगा रखा है वो ढल गया तो –
कोई असली आ-गया तो ! इसलिए धर्म की समर्थन में अगर कभी अकेले भी हो तो घबराना मत क्योंकि धर्म उस वक्त तुम्हें अभिमन्यु की तरह सदैव के लिए जीवित कर देगा।
जो हर वक्त, हर सदी, हर युग में ना जाने कितने ही लोगों की आशा और प्रेरणा का स्त्रोत होगा।
1. दुनिया की सबसे बड़ी शक्ती 👀😱?
चांद की खूबसूरती
चांद अधूरा भी खूबसूरत इसलिए लगता है। क्योंकि वह अपने आप को स्वीकार करती / करता है।
हर हालत में और ना केवल स्वीकारता है अपितु अपने-आप को प्रदर्शित करने में भी कोई संकोच नहीं करता।
अपने दाग के साथ भी इसलिए वह खूबसूरत लगता है। और सबसे बड़ी बात कि-उसको फर्क नहीं पड़ता कि आप उसे देखते हो कि नहीं ।
आप चाहें उसे देखो या ना देखो वह अपने-आप पर विश्वास रखता है। इसलिए वह खूबसूरत लगता है।
वह किसी को दिखाने के लिए नहीं सजता – इसलिए और खूबसूरत लगता है।
2. क्या आप भी आंखें बंद करके जागते हैं ? 👀🤔
4. जो ढूंढ रहे हो – वो मिलने योग्य है कि नहीं ?
धर्म की स्थापना !
ज़िन्दगी भर – ज़िन्दगी के लिए !