अधूरी
इस दुनिया ने अधूरी चीजों को समेटे रखा है, बड़ी प्यार और मैं एहसासों से। चाहे वह राधा –
कृष्ण का प्यार हो या हो हीर –
रांझा की, कबीर की मनोकामना हो – या चंद्रशेखर आजाद की अजदी। या शाहजहां का ताजमहल हो
या जौन इलिया कि मोहब्बत हो या अमृता की असंख्यता का सून्य में सिमट जाना हो – चाहे वो सूरज की पूरी जिंदगी का जीना हो –
आसमान से तारों का बिछड़ना हो – या हो फलों का पेड़ों से पक के गिर जाने से पहले ही बिछड़ना ।
चाहे वह हिटलर का स्टग्रलैंड का हार जाना हो – बापू का सत्याग्रह हो या अंग्रेजों का ख्वाब या चाहे वो रावण के ख्वाबों का ख्वाब रह जाना हो।
या किताबों में पड़े – पड़े गुलाबो का सूख जाना हो।
लंगोटिया दोस्त हो या मां-बाप हो – रिश्ते-नाते हो या हो बंधन। इस दुनिया ने हर अधूरी चीज को बड़े प्यार से जोड़े रखा है
चाहे वो ऐन फ्रेंक की आजादी हो – माही के पिता की अर्जियां हो – या हो वो केकैइ के ख्वाब पर खड़ाऊ का ताज होना।
सिकंदर का सपना हो – या बुध्द के पिता का सपना – या कंस का वचन , दुर्योधन की लालसा हो – अर्जुन का ना लड़ने का मन –
कर्ण कि अभिलाषा हो या हीनयान – महायान का बटना हो या इसाइयों को दो भागों में बांटना।
इस दुनिया ने हर अधूरी बातों को ऐसे संभाले रखा है , जैसे मां – बाप अपने बच्चों को,
बादल पानी के बूंदों को, सूरज ने रश्मियों को – देह ने प्राणों को – किसानों ने फसलों को –
तितलियों ने रंगों को – जो कि यह दर्शाती है कि अधूरी चीजें कितनी अहम है। पृथ्वी का जीवन अधूरा है –
इसलिए हम सब हैं, लेकिन जिस दिन पूर्ण हो जाएगी। यह पूर्णतया समाप्त हो जाएगी। इसलिए कह रहा हूं –
कुछ बातें अधूरे छूट जाए तो मरना नहीं क्योंकि अधूरी चीजें प्रतीक है कि अभी – भी उम्मीद बाकी है।
उम्मीद किस चीज की, किसी ऐसी चीज वस्तु की जिसे अधूरा छोड़ देना ही बेहतर था और
जिससे उन्हें वैसे ही छोड़ किसी और को पूर्ण करने की। क्योंकि हर चीज का पूरी होना जरूरी नहीं होता।
अधूरा प्रतीक है – पूर्णता की जीवन की अभिलाषा की – अधूरा मरने की डर नहीं है।क्योंकि आधी जिंदगी को आप जी सकते हो। जिंदगी पूरी हो जाती है – तो जिया नहीं जाता।
———–{Meri Books }————–
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ज़िन्दगी भर – ज़िन्दगी के लिए !
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