नया-साल (न्यू-ईयर)
तारीख 31 दिसंबर थी 2021 की। और लिख रहा हूं रात के 12 बजे यानिकि न्यू-ईयर 🎊।
उर्फ दिन बदले-डेट पर-डेट बदले और अभी इस पल एक सेकंड ने पूरा का पूरा 365 दिन
एक ही पलक झपकते ही खत्म कर दिया।एक नय साल की शुरुआत के लिए।
अभी पटाखों की शोर अचानक तेज हो गई, लोगों का शोर मेरे कानों में है
और गाड़ियों की ध्वनि अपने चरम पर और मैं अपनी धुन में।
लोग दुनिया 2021 के बीत जाने का जश्न मना रहे हैं। पटाखे फूट रहे हैं, लोग नाच रहे हैं, गा रहे हैं।
इस प्रकार वो अपने नए साल का आगाज और पुराने हो चुके साल को अलविदा कह रहे हैं।
जिसमें उन्होंने इतना कुछ सहा कभी रोए तो कभी मुस्कुराए जरूरत पड़ने पर लोगों ने हाथ छोड़े तो
कई हाथ पकड़ने वाले से भी इस साल में मिलाया। खट्टा-मीठा हर प्रकार का एहसास 365 दिन हमारी जिंदगी में जोड़ गया।
जो बीत गया और उसी के बितने की खुशी में लोग खुश हैं।
मगर एक बात पूछनी थी कब तक ! त्योहारों का वेट करोगे खुश होने के लिए,
फैमिली से मिलने के लिए, उनसे गले मिलने मिलने के लिए ।उलझनों को कुछ पल पीछे छोड़ मुस्कुराने के लिए।
हर पल जियो जैसे अभी शोर-उमंग है। 2021 बीता इसकी खुशी उस पर से 2022 में गृह प्रवेश।
यह प्रवेश भी 2 जनवरी को पूराना हो जाएगा क्या?
क्या फिर से हमें जीने के लिए मुस्कुराने के लिए नए साल की जरूरत पड़ेगी क्या? नए दिन की नए घंटे की कोई अहमियत नहीं है क्या? आपको याद हो तो आप याद करें। आपने न्यू ईयर यह चिल्लाकर कहा होगा कि चलो यह दुख के बादल तो गए। नया साल आया है नई खुशियां लेकर आएगा लेकिन यह खुशियां कहां चली जाती है खुशियां लेकर आयेगा। लेकिन यह खुशियां 2 जनवरी को फिर कहां चली जाती है?
और क्या सचमुच पुराना साल दुखदाई होता है? या हम ही नहीं जीते! त्योहारों का वेट करते हैं। मुस्कुराने के लिए, किसी को गले लगाने के लिए। उसके बाद त्योहार खत्म ज़श्न भी खत्म हो जाता है। क्या सच में नया साल खुशियां लाता है?
क्योंकि हम तो हर साल यही कि इस साल ये करेंगो-वो करेंगे।पुराना साल इतना अच्छा गया नहीं।बहुत अच्छा हुआ जो चला गया। ध्यान दे की कहीं आपकी रवानी तो नहीं जा रही उनके साथ। हर पल हर घड़ी क्या सच में सिर्फ समय जा रहा है या आप भी जा रहे हो? फिर मुस्कुराने के लिए न्यू-ईयर और कोसने के लिए पुराने ईयर को क्यों खोजते हो !
खुशियां, प्यार बाहर नहीं मिलती, नहीं त्योहारों में मिलती है। यह हम सब के अंदर जन्म से होता है। बस जरूरत होती है तो पहले बाहे फैलाने की, पहले मुस्कुराने की हाथों से हाथ गर्मजोशी के साथ मिलाने की। तो देखो कैसे सामने वाला तुम्हारे साथ गाता है, नाचता है। अरे बस एक बार बांट कर तो देखो तुम्हें पता चल जाएगा ना न्यू- ईयर जरूरत होती है ना पुराने ईयर को जाने की जरूरत होती है।
किसी को गले लगाने के लिए बस जरूरत होती है तो मन के मैल और दिमाग के वहम को मिटाने की। मन चंगा तो हर-हर गंगा वर्ना गंगा मैया भी बोलती है चुप का नंगा।
तो क्यों किसी को बुरा कहना किसी को अच्छा कहना?क्यों ना खुद से ही जीना-खुद को ही डांटना-फिर संभालना-प्यार से खुद के ही पीठ पर हाथ रख कहना। यह जिंदगी है सब ठीक हो जाएगा। मेरे दोस्त मैं हूं ना तेरे साथ। क्योंकि चलना ही जिंदगी है। चलना जरूरी है आपके मन में चोटों का भी चले जाना जरूरी है। रिश्तो के दराड़ो का भी मिट जाना जरूरी है। चलते जाना जरूरी है वरना ना कोई नया साल होगा ना कोई नया बवाल होगा है।
Happy new year…..🎉🎊🎊🎉
Happy life my dear – bear and everyone..🤗🤗🤗
Happiness isn’t waiting….
It’s in you…..
It’s in dating, so date yourself….
Be yourself…..
Enjoy every moment of your life…….
Wishing you all a happy new year……
May god bless you all…….
———Meri Kitabe——–
———Meri Kitabe——–
नया-साल (न्यू-ईयर)
नया-साल (न्यू-ईयर)
ज़िन्दगी भर – ज़िन्दगी के लिए !