इश्क़ तेरे बिना नहीं मर जाएगी !
तुझे टूटकर चाहने वालों में वो
लोग भी होंगे –
जिन्हें नसीब न होगी तू –
फिर भी तुझे चाहते रहेंगे –
ये इश्क़ तेरी मंजूरी का किस्सा नहीं –
जो तेरे मना करने से मर जाएगी –
तू सुनकर मुकर जाएगी –
दर्द होगा सीने में –
पर इश्क़ नहीं मिट पायेगी –
जमाना कितना भी कोशिश करले –
मगर –
सांत्वना अगर दे भी दे –
तो फिर – भी शांत ना कर पायेगी –
और –
इश्क़ ठूकरा सकती है तू मगर –
इश्क़ को ना मिटा पायेगी |
तू ना मिले मुक़दर में –
वो बात और है –
पर इश्क़ मुक़दर कि –
मिलन की – किस्मत की –
गुलाम थोड़ी है –
की गुलाब सुखकर भी –
किताबों में समा जायेगा –
तेरे मुकर जाने से
इश्क़ थोड़ी मुकर जाएगी –
ज़िंदा तो वो भी रहते है –
जिन्हें किस्मत हर बार ठुकराती है-
मोहब्बत तेरी जागीर थोड़ी है
जो तेरे ना चाहने पर मिट जायेगी |
ये वो बीज है – जो सुख जायेगा –
मगर महकना नहीं छोड़ेगा –
चाँद डूब जाये तो क्या – आसमां कुछ
नहीं रह पाएगा |
मोहब्बत एक
तरफ़ा भी – जी लेता है –
ऐसा थोड़ी – ना है –
की आशिक़ के मर जाने से –
इश्क़ मर जायेगा !
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