बिना दाग के चाँद
भविष्य की बात है | इंसान चाँद पर है | वैज्ञानिक जिन्हे धरती पर कहते है |
वही लोग चाँद पर है |
और इंसान ऊपर से वैज्ञानिक है तो ईक्षा \ कामना तो होगी ही |
और वहां पर रह कर उनकी कामना क्या जगी –
चाँद का वो दाग जो उसकी खूबसूरती का उसकी पहचान का अंग था उसको हटाना चाहते थे |
चाँद का वो दाग वैज्ञानिकों को पसंद बिल्कुल नहीं था
और एक तो वहां पर गड्ढा है और ऊपर से अँधेरा |
और वो चाह रहे है की चांद के उस गड्ढे को कैसे भी
भरने के लिए ताकि वह दाग साफ हो जाए
और उस गड्ढे का कुछ सही इस्तेमाल हो जाए |
और इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए वो धरती से कुछ मिट्टी और पेड़ – पौधे मंगाते है और साथ में पानी भी |
और अपनी चाँद की लेब्रोटरी में कई पेड – पौधे और मिट्टी और साथ में जल भी बनाते है –
क्युकी ज़्यादा मात्र में पानी या मिट्टी ले जाते तो पृथवी का संतुलन बिगड़ने का खतरा हो जाता |
तो उन्होंने वैज्ञानिक तरीके से बहुत से पानी – मिट्टी और पेड़ – पौधे उस चाँद के गड्ढे में भर दिया |
पर कुछ ही पलो में चाँद पर उनकी ज़िन्दगी और लेब्रोटरी खतरे में आ गई |पर उनकी जान बड़े मुश्किल से स्पेस स्टेशन वालों ने बचाई |
क्युकी चाँद में जो गड्ढा था वो इतना बड़ा था की महासागर आ जाये |
और जब ज़्यादा मिटटी से पृथवी का संतुलन बिगड़ सकता है – तो चाँद पर जो गड्ढे बने थे
जो चाँद के गुरुत्वकर्सण और स्थिति को संतुलित करते थे |
चाँद का वो दाग ढकने से यानिकि गड्ढा भरने से | चांद का भार बढ़ गया और भार बढ़ने से संतुलन|
जो वैज्ञानिक इतने अकलमंद थे कि धरती से ज्यादा मिट्टी लिया तो पृथवी का संतुलन बिगड़ सकता है|
वह चांद के धब्बे को नापसंद करने में इतने व्यस्त थे कि उन्हें अपनी जान से ज्यादा चांद का शक्ल चमकाना लगा |
चांद का भार बढ़ा तो गुरुत्वाकर्षण बाधित हुआ जो चांद पहले 27 या 28 दिनों में अपने अक्ष पर घूमता था |
उसमें भी बढ़ोतरी हुई और पृथ्वी पर भी इसका परिणाम यह हुआ कि समुंदर और नदियां अपनी किनारों से बहार हो गए |
किनारों से इतने बढ़ गए कि ग्लोबल वॉर्मिंग से ग्रस्त होने वाले इलाके थे – कई सालों बाद |
वह उसी पल हो गए | अब इंसानों को चांद से प्यार काम डर ज्यादा लगता है |
चांद की मिट्टी और उस जगह को दुबारा खाली करने के प्रयास में इतने साल और इंसान और धन लग गए
क्योंकि चांद पर पहुंचने में भी परेशानी होती है
चांद के दाग हटाने की कोशिश ने चांद को चांद ना
रहने दिया इंसानों ने जिसका परिणाम उन्होंने और उनकी पीढ़ियों ने भी |
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बिना दाग के चाँद |
बिना दाग के चाँद |